संस्कृति विभाग के कामकाज पर भाजपा ने उठाये कई सवाल
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक श्री राजेश अवस्थी ने सरकार स पूछा है कि – मंत्री बड़ा या सचिव। कई सौ करोड़ के निर्माण एवं 50 फीसदी सब्सिडी की घोषणा करने वाली सरकार पहले संस्कृति विभाग में कलाकारों के लंबित भुगतान को करे जो की चंद करोड़ रुपयों का है और विभाग के पास पर्याप्त बजट भी है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी ने स्वीकृति भी दे दी है पर सचिव ने वह फाइल रोक रखी है. मॉर्च का महीना है बिल लगने में चंद दिन बाकी हैं एक तरफ मंत्री भुगतान की स्वीकृति दे रहे दूसरी ओर सचिव फाइल को रोक रहे सवाल ये है की मंत्री बड़ा या सचिव? या फिर संस्कृति विभाग के बजट को अन्यत्र कहीं खर्च कर चुकी सरकार ? विभाग के उपलब्ध वार्षिक बजट को जबरन लैप्स कर लगभग 431 कार्यक्रम अर्थात सैकड़ों कलाकारों के भुगतान को विलंब कर क्या सरकार कलाकारों के साथ घोर अन्यायपूर्ण कृत्य नही कर रही? बजट होते हुए भी भुगतान क्यों नही हो रहा सरकार जवाब दे? श्री अवस्थी ने एक डिबेट में कांग्रेस सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिलीप षडंगी से जानना चाहा कि सब कार्यक्रम आप ही कर रहे दूसरे कलाकारों को भी तो मौका दीजिए। हर महोत्सव ,आयोजन में सिर्फ आप कर रहे ? इस सवाल का जवाब सरकार की तरफ से आये दिलीप षडंगी दे नही पाए. उनका कहना था मैं नही मांग रहा जनता मांग रही तो षडंगी जी आप जनता से ये क्यो नही कहते विभाग या प्रशासन नही आयोजन समिति भुगतान करें। भाजपा सरकार काल मे माह में 10-10 से ज्यादा विभागीय कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले दिलीप षडंगी ये कह रहे विभाग में नीति बनाई जा रही हर कलाकार को माह में 1 कार्यक्रम मिले हास्यास्पद और निन्दाजनक है। सब मिला कर सरकार को ओर से डिबेट में आये दिलीप षडंगी आश्वासन के अलावा किसी भी सवाल का जवाब दे नही पाए ,सत्य ये तो था ही अब उजागर भी होने लगा है सिर्फ झूठी घोषणाओं का दिखावा करके वाहवाही लूटने वाली सरकार है भूपेश सरकार।
फ़िल्म सिटी के निर्माण का स्वागत है पर इतने बड़े खर्च की अभी आवश्यकता नहीं इससे पहले प्रदेश में एक फ़िल्म इंस्टिट्यूट होना चाहिए।
मनोज वर्मा फ़िल्म निर्माता
सब्सिडी जब मिलेगी तब मिलेगी फिलहाल फ़िल्म कारो एवम कलाकारों की मूलभूत समस्या का निदान करे सरकार।
राजेश अवस्थी पूर्व अध्यक्ष फ़िल्म विकास निगम