खाने का तेल होगा सस्ता, मोदी सरकार का बड़ा फैसला, आयात शुल्क को घटाकर कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश
नवेद खान, नई दिल्ली। मोदी सरकार के एक फैसले से आम जनता को राहत मिल सकती है। आने वाले दिनों में खाद्य तेलों के दाम में गिरावट देखी जा सकती है। सरकार ने खाद्य तेलों पर लगने वाले आयात शुल्क को घटाकर इसकी कीमतों पर लगाम लगाने की कोशिश की है।
मोदी सरकार ने मंगलवार को कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क घटाकर 10 फीसदी करने का फैसला लिया है। इसके साथ अन्य पाम ऑयल पर इम्पोर्ट ड्यूटी को घटाकर 37.5% कर दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नई दरें 30 जून से ही मान्य हो गई हैं। ये 30 सितंबर 2021 तक जारी रहेंगी।
आयात पर 15 प्रतिशत तक की कस्टम ड्यूटी
अभी देश में कच्चे पाम तेल के आयात पर 15 प्रतिशत तक की कस्टम ड्यूटी लगती है। वहीं, अन्य वर्ग के पाम ऑयल पर ये दरें 45 फीसदी तक हैं। सॉल्वेट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता के अनुसार कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क 15 फीसदी से घटाकर भले दस फीसदी कर दिया गया है, मगर कच्चे पाम तेल पर प्रभावी शुल्क में 5.50 फीसदी की कमी आई है। ये 35.75% से घटकर 30.25% तक पहुंच गई हैं।
पाम तेल की मांग
देश में सबसे ज्यादा खाद्य तेलों में पाम ऑयल की डिमांड रहती है। खाने के तेल को ब्लेंड करके इसे उपयोग में लाया जाता है। सरसों का तेल भी मई माह में 200 प्रति लीटर तक पहुंच गया था। हालांकि बीते दिनों दामों में कुछ नरमी देखने को मिली। मगर अभी भी इनके दाम काफी ऊंचे स्तर पर बने हुए हैं।