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युद्धपोत आईएनएस विराट को बचाने 100 करोड़ रुपये में बेचने को तैयार है कंपनी

टूटने से बचाकर संग्रहालय बनाने की तैयारी
अहमदाबाद। ऐतिहासिक युद्धपोत आईएनएस विराट को बचाने की एक आखिरी उम्मीद अभी बाकी है. सेवा से विदा हो चुके इस युद्धपोत के मालिक ने इसे बेचने के लिए 100 करोड़ रुपये का रेट लगाया है. मुंबई स्थित एक कंपनी इसे टूटने से बचाकर संग्रहालय बनाने के उद्देश्य से खरीदने को तैयार है.आईएनएस विराट एक विमानवाहक पोत है, जिसे 1987 में नौसेना में शामिल किया गया था और 2017 में सेवा से हटा दिया गया था. इसे श्री राम ग्रुप ने इस साल जुलाई में हुई नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था. एनवीटेक्ट मरीन कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटिड के प्रबंधक निदेशक वीके शर्मा ने युद्धपोत खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है.यह युद्धपोत गुजरात के तट पर अलंग पर पोत तोड़ने वाले यार्ड पर पिछले हफ्ते पहुंचा गया था. यह भारत की समृद्ध समुद्र विरासत का प्रतीक है. श्री राम ग्रुप के अध्यक्ष मुकेश पटेल ने कहा कि यह पोत नीलामी में कबाड़ के तौर पर खरीदा गया था. संभावित खरीदार को इसे खरीदने के लिए रक्षा मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा.उन्होंने कहा, ‘मैंने यह पोत अपने देश के लिए मेरे प्रेम की वजह से खरीदा था. अब मुंबई की एक कंपनी इस पोत को संग्रहालय में बदलना चाहती है. चूंकि वे भी यह देशभक्ति की वजह से कर रहे हैं, इसलिए मैं उन्हें पोत बेचने को राजी हो गया.’ पटेल ने कहा, ‘लेकिन उन्हें रक्षा मंत्रालय से एनओसी लेनी होगी, बिना इसके मैं पोत उन्हें नहीं बेच पाऊंगा.उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले 125 करोड़ रुपये की मांग की थी लेकिन कंपनी के अच्छे काम पर विचार करते हुए इसे 100 करोड़ रुपये में बेचने पर राजी हो गया. पटेल ने यह भी कहा कि यह पेशकश सीमित समय के लिए है और वह सिर्फ अगले हफ्ते तक इंतजार करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया है कि कंपनी एनओसी लेने के लिए काफी कोशिशें कर रही है. लेकिन मैं हमेशा के लिए प्रतीक्षा नहीं कर सकता हूं. मैं एक और हफ्ते इंतजार करुंगा. इसके बाद मैं (पोत को) तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दूंगा.

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