Vichar

यह सियासी पतझड़ का अंत नहीं, मध्यांतर मात्र है

अवधेश बजाज कहिन (फेसबूक वाल से) ‘अभूतपूर्व’ से यकायक भूतपूर्व मुख्यमंत्री हुए कमलनाथ को मेरा सांत्वनापूर्ण नमस्कार। इसी पद के लिए भूत से लेकर वर्तमान तक का तिकड़मबाजी वाला सफर तय करने वाले शिवराज सिंह चौहान को बधाई सहित नमस्ते।…

छात्र पढ़ाई करें ,गंदी राजनीति नहीं

– अरुण बंछोर देश में पहले ही उच्च शिक्षा की गुणवत्ता खराब है, उसमें मौजूदा घटनाक्रम करेला और नीम चढ़ा जैसे हो गए हैं। इससे कोई इंकार नहीं कर सकता कि उच्च शिक्षा और शोधपरक कार्य ही विश्वविद्यालयों का उद्देश्य…

अराजकता कोई मुश्किल नहीं, कोई वीरता नहीं

विरोध करने से पहले एक बार नागरिकता कानून को जरुर पढ़ें – अरुण कुमार बंछोर नागरिकता संशोधन कानून देश के नागरिकों एवं अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नहीं है, कम से कम पढ़े लिखे लोग पढ़कर समझ ही विरोध करें। विरोधी…

आखिर नागरिकता संशोधन कानून पर हंगामा क्यों ?

नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी व अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के आक्रोशित छात्र सड़कों पर उतर आये।राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के…

कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन

रेडियो के बारे में बुजुर्गों से रोचक संस्मरण सुनने मिलता है। आकाशवाणी की शुरुआत कुछ खास महानगरों से हुए उस जमाने में रेडियो अमीरों के वैभव का प्रतीक होता था। आम लोगों को किसी कार्यक्रम को सुनने के लिए किसी…

2 अक्टूबर, दो संतो के जीवन से प्रेरणा लेने का महान दिन !

दो अक्टूबर गांधीजी और शास्त्रीजी को मात्र याद करने का दिन नहीं है, वरन उनके जीवन से प्रेरणा लेने का महान दिन है. दोनों को नेता कहने के बजाए सांसारिक संत कहना ज्यादा सही है क्योंकि वे न तो सांसारिक…